सुभाष चंद्र बोस का सम्पूर्ण जीवन
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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी सन् 1897 को ओड़िशा के कटक शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माँ का नाम प्रभावती था। इनके पिता कटक शहर के मशहूर वकील थे।
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सुभाष बचपन से ही पढ़ने में होनहार थे। अपने स्कूल के दिनों से ही सुभाष ने सेना में भर्ती होने की ठान रखी थी और उनका ये सपना आगे चलकर हकीकत भी बना।
शिक्षा
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सुभाष चंद्र बोस ने कटक के प्रोटेस्टेण्ट स्कूल से प्राइमरी शिक्षा प्राप्त की। 1909 में उन्होंने रेवेनशा कॉलेजियेट स्कूल में दाखिला लिया। मात्र पन्द्रह वर्ष की आयु में सुभाष ने विवेकानन्द साहित्य का पूर्ण अध्ययन कर लिया था। 1915 में उन्होंने इण्टरमीडियेट की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की। 1919 में बीए (ऑनर्स) की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। कलकत्ता विश्वविद्यालय में उनका दूसरा स्थान था।
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सन् 1934 में जब सुभाष ऑस्ट्रिया में अपना इलाज कराने हेतु ठहरे हुए थे।सन् 1942 में उन्होंने एमिली शेंकल (Emilie Schenkl) नाम की एक ऑस्ट्रियन महिला से बाड गास्टिन नामक स्थान पर हिन्दू पद्धति से विवाह रचा लिया। वियेना में एमिली ने एक पुत्री को जन्म दिया। उन्होंने उसका नाम अनीता बोस रखा था।
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इन्होंने 1920 में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की।इन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद 1921 में प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया। गांधी जी के निर्देशानुसार कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने देशबंधु चितरंजन दास के साथ काम करना शुरू किया और उन्हें ही अपना राजनैतिक गुरु बना लिया था। अपने कार्यकाल के दौरान सुभाष ने ‘राष्ट्रीय योजना समिति’ का गठन किया। इस दौरान द्वितीय विश्वयुध्द के बादल भी मंडराने लगे थे। सुभाष ने अंग्रेज़ों द्वारा भारत के संसाधनों का द्वितीय विश्व युद्ध में उपयोग करने का घोर विरोध करते हुए इसके खिलाफ जन आन्दोलन शुरू किया जिसके चलते उन्हें कोलकाता में कैद कर नजरबन्द कर दिया गया। जनवरी 1941 में सुभाष भागने में सफल हो गए और अफगानिस्तान के रास्ते जर्मनी पहुँच गए। वर्ष 1943 में वो जर्मनी से सिंगापुर आए और आजाद हिंद फौज की स्थापना करके युद्ध की तैयारी में लग गए। इसके बाद सुभाष को ‘नेताजी’ कहा जाने लगा।
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सुभाष चन्द्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा’ और ‘जय हिन्द’ जैसे प्रसिद्द नारे दिए। भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की।1938 और 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए ‘आजाद हिन्द फ़ौज’ की स्थापना की।
मृत्यु
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ऐसा माना जाता है कि 18 अगस्त 1945 में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु ताईवान में हो गयी परंतु उस दुर्घटना का कोई साक्ष्य नहीं मिल सका। सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु आज भी विवाद का विषय है। सुभाष चंद्र बोस का सम्पूर्ण जीवन रहस्यों से भरा रहा।
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- अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना सबसे बड़ा अपराध है।
- अच्छा चरित्र निर्माण करना ही छात्रों का मुख्य कर्तव्य होना चाहिए।
- एक सच्चे सैनिक को सैन्य प्रशिक्षण और आध्यात्मिक प्रशिक्षण दोनों की ज़रुरत होती है।
- इतिहास गवाह है की कोई भी वास्तविक परिवर्तन चर्चाओं से कभी नहीं हुआ।
- आजादी कभी मागने से नही मिलती इसके लिए अक्सर संघर्ष ही करना पड़ता है।
- जिसमे श्रद्धा नही होती है वह इन्सान ज्यादा कष्टों और दुखो से घिरा होता है।
- बचपन और युवावस्था एक ऐसी अवस्था है जिसमे सबसे अधिक संयम और पवित्रता की आवश्कयता होती है।
- जीवन के हर पल में आशा की कोई ना कोई किरण जरुर आती है जो हमे आगे बढने का मार्ग प्रशस्त करती है।
- माँ का प्यार स्वार्थ रहित और सबसे गहरा होता है, इसको किसी भी प्रकार से नापा नहीं जा सकता।
- जीवन में प्रगति का आशय यह है की शंका संदेह उठते रहें, और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे।
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