maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti
maasemitti

महात्मा गाँधी के वो सच जिनसे सभी अन्जान थे

महात्मा गाँधी का सम्पूर्ण जीवन

gandhi1

जन्म
gandhi2

इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ जो गुजरात राज्य में स्थित है। इनके पिताजी का नाम करमचन्द गाँधी था और इनकी माताजी का नाम पुतलीबाई था।

बचपन
gandhi3

इनका बचपन का नाम मोहनदास था। इनकी माता अत्यधिक धार्मिक स्वभाव की थीं जिसका प्रभाव बचपन से ही मोहनदास पर पड़ा और माँ के दिए विचारों को अपनाते हुए गाँधी जी ने अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण कार्य सिद्ध किए। गाँधी जी ने अपनी माताजी की ही तरह अहिंसा, शाकाहार और आत्मशुद्धि के लिए व्रत व विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोगों को अपना समझकर उनके साथ मिलकर आगे के जीवन में तमाम कार्य किए।

शिक्षा
gandhi4

शुरूआती शिक्षा उन्होंने पोरबंदर से ग्रहण की। राजकोट से हाई स्कूल पढ़ाई पूरी की। दोनों परीक्षाओं को औसत अंको से उत्तीर्ण किया। उन्होंने भावनगर के शामलदास कॉलेज से मैट्रिक पास किया। उनके परिवार का सपना उन्हें बैरिस्टर बनते देखना था। इसलिए उनके परिवार ने उन्हें यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में कानून की पढ़ाई व बैरिस्टर बनने के लिये इंग्लैंड भेज दिया।

विवाह
gandhi5

मई 1883 में साढ़े 13 साल की उम्र में इन्होंने 14 साल की कस्तूरबा से बाल-विवाह किया। उस वक्त बाल-विवाह प्रचलन में था। इनकी चार सन्तानें हुईं। जिनके नाम हरीलाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी व देवदास गांधी हैं।

दक्षिण अफ्रीका में आंदोलन
gandhi6

दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों पर हो रहे अन्याय को देखते हुए गांधीजी 24 साल की उम्र में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। वहां उन्हें गंभीर नस्ली भेदभाव का सामना करना पड़ा। गांधी जी ने वहां रह रहे भारतीयों को अपने राजनैतिक व सामाजिक अधिकारों को पाने के लिए जागरूक किया। इन्होंने भारतीयों की नागरिकता से जुड़े सभी मुद्दों को दक्षिण अफ़्रीकी सरकार के सामने रखा और 1906 के ज़ुलु युद्ध में भारतीयों की भर्ती को लेकर ब्रिटिश अधिकारियों के सामने उनका आवेदन रखा।

सामाजिक योगदान
gandhi7

सन 1914 में जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे तो उसके बाद ही उन्होंने खिलाफ़त आंदोलन शुरू कर दिया। इस आंदोलन की लोकप्रियता में गाँधी जी बहुत बड़े नेता के रूप में उभर कर आए। जलियांवाला नरसंहार के कारण गांधीजी ने स्वदेशी नीति पर ज़ोर देकर विदेश की बनी वस्तुओं, ब्रिटेन की शैक्षिक संस्थाओं और अदालतों का बहिष्कार करने का आह्वाहन किया।असहयोग आन्दोलन में भारी जन समर्थन के चलते समाज के सभी वर्गों के लोगों में जोश भर गया था लेकिन फरवरी 1922 के चौरी-चौरा कांड के चलते गाँधी जी ने इस आंदोलन को वापस ले लिया। नमक पर कर लगाए जाने के विरोध में इन्होंने नमक सत्याग्रह किया। इन्होंने भारत के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शिक्षित करने, छुआछूत के ख़िलाफ़ आन्दोलन करने, कताई-बुनाई और अन्य कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई नीतियां बनाईं। द्वितीय विश्व युद्ध के समय भारत छोड़ो आन्दोलन को तेज़ किया। ये आंदोलन स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष का सबसे बड़ा आंदोलन सिद्ध हुआ जिसमें भरसक हिंसा और भारी संख्या में गिरफ्तारियां हुईं। दूसरे विश्व युद्ध के समाप्त होते-होते अंग्रेज़ों ने भारत को आज़ाद करने का संकेत दे दिया था

भारत का विभाजन
gandhi8

भारत की आजादी के लिए चल रहे आन्दोलन के साथ-साथ, जिन्ना के नेतृत्व में एक अलग मुसलमान देश बनाने की मांग हो रही थी जिसके चलते आगे चलकर देश का बंटवारा कर के पाकिस्तान बना दिया गया। गांधी जी देश के बंटवारे के खिलाफ़ थे क्योंकि ये उनके धार्मिक सिद्धांतों के विपरीत था किन्तु उनके कड़े प्रयासों के बावजूद भी अंग्रेज़ों ने भारत देश को दो टुकड़ों में अलग करके नया देश पाकिस्तान बना दिया।

मृत्यु
gandhi9

30 जनवरी सन 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की दिल्ली के बिरला हाउस में एक प्रार्थना सभा को संबोधित करने के दौरान शाम 5:17 पर हत्या कर दी गयी। नाथूराम गोडसे ने 3 गोलियां उनके सीने में मारी। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो उनके मुँह से निकलने वाले आख़िरी शब्द "हे राम" थे। महात्मा गाँधी का सम्पूर्ण जीवन देश को समर्पित रहा।

महात्मा गाँधी के अनमोल विचार
gandhi10
  • एक अच्छे इंसान में ही हर किसी का मित्र बनने का गुण होता है।
  • आपके द्वारा किया गया थोड़ा सा अभ्यास भी बहुत सारे उपदेशों से कई गुना बेहतर होता है।
  • यदि आप आँख के बदले आँख लेने चले जाएंगे तो पूरा विश्व अँधा हो जाएगा।
  • यदि आपके काम करने के तरीके में विनम्रता है तो आप दुनिया हिला सकते हैं।
  • जो बदलाव आप दुनिया में देखना चाहते हैं उसे सबसे पहले स्वयं में लाएं।
  • आप आज क्या कर रहे हैं, आपका भविष्य इसी बात पर निर्भर करेगा।
  • स्वयं को दूसरों की सेवा में खोकर आप स्वयं को खोज सकते हैं।
  • इन्सान अपने स्वयं के विचारों से बनता है, जैसा वह सोचेगा वैसा ही बन जायेगा।
  • शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं बल्कि अदम्य इच्छा शक्ति से आती है।
  • हमारा स्वास्थय ही हमारा वास्तविक धन है, इसके आगे सोने और चांदी का कोई मोल नहीं।

पूरा लेख पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। लेख से सम्बंधित किसी भी शिकायत अथवा सुझाव के लिए हमें नीचे कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर लिखें, साथ ही हमारा ब्लॉग भी फॉलो करें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ