धोनी ने लिया इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास

धोनी का क्रिकेट से संन्यास

धोनी का क्रिकेट से संन्यास

महेंद्र सिंह धोनी, ये वो नाम है जिसे दुनिया शायद ही कभी भूले। क्रिकेट को धर्म मानने वाले देश में जहाँ एक तरफ सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान् माना जाता है उसी देश में एक नाम धोनी का है, जो हम सब की आंखों का तारा है, जिसने भारतीय क्रिकेट को अपनी रहस्यमयी तकनीक और सटीक सोच से विश्व भर में अलग पहचान दिलाई है। वही धोनी अकस्मात् अपने संन्यास की घोषणा करके हम सब की आँखें नम कर गए। बहुत से खिलाड़ी आए, खेलकर चले गए... पर धोनी सा ना कोई पहले आया था, न कोई अब आएगा।

धोनी, विशाल व्यक्तित्व के धनी

भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान रहे धोनी ने अपनी कप्तानी में देश को दो बार वर्ल्डकप खिताब जिताया। क्रिकेट के मैदान में कैप्टन कूल माही जिस अंदाज़ में फैसले लेते आये हैं कुछ उसी अंदाज़ में इंस्टाग्राम अकाउंट से अपने संन्यास की घोषणा की। जिसके बाद से ही देश दुनिया में फैले उनके तमाम प्रशंसक उन्हें सोशल मीडिया पर क्रिकेट जगत में दिए गए उनके करिश्माई योगदान की भारी मन से बधाई दे रहें हैं। धोनी ने संन्यास की ख़बर देते हुए लिखा, "आपके प्यार और सपोर्ट के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मुझे आज 1929 (07:29) बजे से सेनानिवृत्त मानें।"


काफी समय से थे क्रिकेट से दूर

2014 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद धोनी का ध्यान एक दिवसीय और टी-ट्वेंटी क्रिकेट पर रहा। पिछले साल 2019 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वर्ल्डकप में अपना आखिरी एक दिवसीय मैच खेलने के बाद से ही धोनी टीम से बाहर चल रहे रहे थे। इसी बीच उनके क्रिकेट से संन्यास की अटकलें भी तेज़ हो गयी थी। यकीनन धोनी का संन्यास का फैसला हैरानी भरा है क्योंकि अभी उनमें बहुत क्रिकेट बाकी थी।



अभी खेलते रहेंगे IPL

माही के प्रशंसकों के लिए एक अच्छी ख़बर ये है कि भले वो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं पर अभी भी IPL में अपने चहेते खिलाड़ी को हेलीकॉप्टर शॉट खेलते हुए देख पाएंगे, साथ ही उनकी करिश्माई कप्तानी और बिजली सी तेज़ स्टम्पिंग का भी तुत्फ़ उठा पाएंगे।



पहली व आखिरी पारी का अनोखा संयोग

धोनी ने बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज़ 2004-2005 में बांग्लादेश के खिलाफ अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की। अपनी पहली पारी में रन आउट हुए और आखिरी पारी जो 2019 वर्ल्डकप में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेली, उसमें भी रन आउट हुए। पर इन दोनों पारियों के बीच में जो क्रिकेट धोनी ने खेल गए, निश्चित रूप से अविश्वसनीय है।



यादगार पारियां

1. 148 रन बनाम पाकिस्तान, 2005

148 रन बनाम पाकिस्तान, 2005

अपनी पहली चार पारियों में असफल रहने के बाद विशाखापत्तनम में पाकिस्तान के खिलाफ़ सिर्फ 123 गेंदों में 15 चौके और 4 छक्कों की मदद से 148 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर धमाकेदार आगाज़ किया।


2. 183 रन बनाम श्रीलंका, 2005
183 रन बनाम श्रीलंका, 2005

जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ़ 145 गेंदों में 15 चौके और 10 आतिशी छक्कों की मदद से 183 रन बनाए थे जो कि एकदिवसीय क्रिकेट में किसी भी विकेट कीपर बल्लेबाज़ का सर्वाधिक स्कोर था।


3. 91 रन बनाम श्रीलंका, 2011 वर्ल्डकप
91 रन बनाम श्रीलंका, 2011 वर्ल्डकप

ये मैच कौन भूल सकता है। वर्ल्डकप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ़ 275 रनों का पीछा करते हुए 79 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्कों की मदद से 91 रनों की नाबाद पारी खेल कर भारतीय टीम को 28 साल के लम्बे इंतज़ार के बाद फिर से वर्ल्डकप जिताया था।


क्रिकेट के तीनों ही रूपों में, चाहे वो टेस्ट क्रिकेट हो, एकदिवसीय हो या फिर टी-20, सभी में ऐसी ही तमाम पारियां खेली हैं धोनी ने अपने स्वर्णिम करियर में। धोनी क्रिकेट जगत का वो सितारा है जो सदियों तक चमकेगा।इस महान खिलाड़ी पर जितना लिखा जाए, उतना कम है।

आप धोनी की और किस पारी को यादगार मानते हैं, हमें नीचे कॉमेंट बॉक्स में ज़रूर लिखें। साथ ही हमारे ब्लॉग को भी फॉलो करें, धन्यवाद।

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